Friday, February 14, 2014
Thanks a million to Shrusti
Sunday, January 24, 2010
जीवन संकल्प (attitude of life)
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर लिया ,इच्छाओं को भी अपनी हमने अल्प कर लिया
सबने सफल होने को रब का नाम है लिया,हमने तो अपना नाम ही शिवम् धर लिया
हमने तो अपना नाम ही शिवम् धर लिया ॥
बाधाओं से ये देखो इन्सान है घिरा मदिरा से मुक्त होने का भी काम न किया
कहता है मस्त होके ये जीवन है जी रहा ये जीना भी क्या जीना ये पल पल मर रहा ।
ये जीना भी क्या जीना ये पल पल मर रहा ॥
संकीर्ण सोच इसकी संकीर्ण चाल है ,दूजे की जीत इसकी जाने क्यों हार है
ये सोच के ही जीवन में जहर भर रहा ,अपने पे तो साइकल नहीं उसपे तो कर है ।
अपने पे तो साइकल नहीं उसपे तो कार है ॥
इर्ष्या को कर दे दूर तू जीवन से कर परे और हाथ जोड़ उसके तू धन्यवाद दे
हर चीज़ जो मिली है ये उपकार है उसका स्वीकार कर ये तुझको अथक प्यार है उसका ।
स्वीकार कर ये तुझको अथक प्यार है उसका ॥
फिर देख ये जीवन तेरा क्या रंग लायेगा खुश होगा तू सदा और दुःख दूर जाएगा
ये ऐश्वर्या है ऐसा कुबेर धन समक्ष,तेरा भी अक्ष होगा जन जीवन में प्रत्यक्ष ।
तेरा भी अक्ष होगा जन जीवन में प्रत्यक्ष ॥
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर जरा इच्छाओं को भी अपनी अब तो अल्प कर ज़रा
कर्मण्य व्यधिकरास्ये ये मंत्र है तेरा जीवन में ढाल इसको और कर्म कर जरा ।
जीवन में ढाल इसको और कर्म कर सदा ॥
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर जरा ।
इच्छाओं को भी अपनी अब तो अल्प कर जरा ।
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर ज़रा॥
---शिवम् भारद्वाज ---
सबने सफल होने को रब का नाम है लिया,हमने तो अपना नाम ही शिवम् धर लिया
हमने तो अपना नाम ही शिवम् धर लिया ॥
बाधाओं से ये देखो इन्सान है घिरा मदिरा से मुक्त होने का भी काम न किया
कहता है मस्त होके ये जीवन है जी रहा ये जीना भी क्या जीना ये पल पल मर रहा ।
ये जीना भी क्या जीना ये पल पल मर रहा ॥
संकीर्ण सोच इसकी संकीर्ण चाल है ,दूजे की जीत इसकी जाने क्यों हार है
ये सोच के ही जीवन में जहर भर रहा ,अपने पे तो साइकल नहीं उसपे तो कर है ।
अपने पे तो साइकल नहीं उसपे तो कार है ॥
इर्ष्या को कर दे दूर तू जीवन से कर परे और हाथ जोड़ उसके तू धन्यवाद दे
हर चीज़ जो मिली है ये उपकार है उसका स्वीकार कर ये तुझको अथक प्यार है उसका ।
स्वीकार कर ये तुझको अथक प्यार है उसका ॥
फिर देख ये जीवन तेरा क्या रंग लायेगा खुश होगा तू सदा और दुःख दूर जाएगा
ये ऐश्वर्या है ऐसा कुबेर धन समक्ष,तेरा भी अक्ष होगा जन जीवन में प्रत्यक्ष ।
तेरा भी अक्ष होगा जन जीवन में प्रत्यक्ष ॥
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर जरा इच्छाओं को भी अपनी अब तो अल्प कर ज़रा
कर्मण्य व्यधिकरास्ये ये मंत्र है तेरा जीवन में ढाल इसको और कर्म कर जरा ।
जीवन में ढाल इसको और कर्म कर सदा ॥
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर जरा ।
इच्छाओं को भी अपनी अब तो अल्प कर जरा ।
जीवन को अब तो जीने का संकल्प कर ज़रा॥
---शिवम् भारद्वाज ---
Saturday, January 9, 2010
आज सोचा
के हाँ आज सोचा के उकेर दूं अंतरमय सितारों को
उठाऊं कलम और सजा दूं हृदयस्थ नजारों को
के लिखने बैठा ही था कहानी अपनी
चेतन और अचेतन संघर्ष के मध्यस्थ
विचारों की दृढ़ता और भावुकता से परिपूर्ण कांपते से हस्त
शोध करता चित्त के मेरा अस्तित्व क्या है
परिणाम था के जीवन में तुने किया क्या है
क्या विषय विशेष है तेरा धरा के प्रति
क्या तू इस पर नहीं है भार की अति
के कम्पित सी वाणी में उत्तरहीन था मैं
उत्तर को आतुर भावुक और कृत्यों से विहीन था मैं
के शर्मसार था,के एक युवा हूँ और फिर भी क्षीण हूँ
के हाँ इस तार्किक अवं गतिमय समाज में गतिहीन हूँ मैं
के पहुंचा लेकर इस प्रश्न को मित्रों के समक्ष
जिनका दुलारा था मैं,और जहाँ प्रशिद्ध था मेरा भी अक्ष
के पूछता हूँ तुमसे क्या किया है हमने देश के प्रति
गर्व से बोले सब मेरा देश है महान और अमिट है संस्कृति
औरों ने हमारी संस्कृति से क्या कुछ नहीं लिया है
हमारे ही तो वैद हैं और जीरो भी हमी ने तो दिया ही
हंसा मैं खुद पे के क्यूँ हैं संतुष्ठ हम और कौनसी संस्कृति
सत्य है ये की हम जैसी पीढ़ी ही है इसकी क्षति
इतना गुरूर है अपनी संस्कृति पे तो क्यों इससे दूर जा रहे हैं
क्यों पश्चिम में ढल के,वस्त्र उतरने को आतुर नग्न हुए जा रहे hain
आज चरणपट को footwears और मदिरा पिने को cheers कहा जा रहा है
हास्यापद तो ये है footwears शीशो से सजी mall में रखा जा रहा है
और जीवनदात्री सब्जियों को आज भी footpath से ख़रीदा जा रहा है
क्यों नहीं समझते हम की सचाई अपनी सरलता में है
जितना धरा के पास हैं ,उतना अपना विकास है
ये धरा की धुल है जो हमें जीवन देती है
jeene को शुद्ध वायु और खाने को भोजन देती हैं
kyu duje की सभ्यता को हम खुद से ज्यादा तोलते हैं
sabko piche karte हैं जब अपने पर खोलते हैं
ये मैं नहीं कहता हूँ ये हमारे हुनर बोलते हैं
hamare hunar bolte हैं.......
उठाऊं कलम और सजा दूं हृदयस्थ नजारों को
के लिखने बैठा ही था कहानी अपनी
चेतन और अचेतन संघर्ष के मध्यस्थ
विचारों की दृढ़ता और भावुकता से परिपूर्ण कांपते से हस्त
शोध करता चित्त के मेरा अस्तित्व क्या है
परिणाम था के जीवन में तुने किया क्या है
क्या विषय विशेष है तेरा धरा के प्रति
क्या तू इस पर नहीं है भार की अति
के कम्पित सी वाणी में उत्तरहीन था मैं
उत्तर को आतुर भावुक और कृत्यों से विहीन था मैं
के शर्मसार था,के एक युवा हूँ और फिर भी क्षीण हूँ
के हाँ इस तार्किक अवं गतिमय समाज में गतिहीन हूँ मैं
के पहुंचा लेकर इस प्रश्न को मित्रों के समक्ष
जिनका दुलारा था मैं,और जहाँ प्रशिद्ध था मेरा भी अक्ष
के पूछता हूँ तुमसे क्या किया है हमने देश के प्रति
गर्व से बोले सब मेरा देश है महान और अमिट है संस्कृति
औरों ने हमारी संस्कृति से क्या कुछ नहीं लिया है
हमारे ही तो वैद हैं और जीरो भी हमी ने तो दिया ही
हंसा मैं खुद पे के क्यूँ हैं संतुष्ठ हम और कौनसी संस्कृति
सत्य है ये की हम जैसी पीढ़ी ही है इसकी क्षति
इतना गुरूर है अपनी संस्कृति पे तो क्यों इससे दूर जा रहे हैं
क्यों पश्चिम में ढल के,वस्त्र उतरने को आतुर नग्न हुए जा रहे hain
आज चरणपट को footwears और मदिरा पिने को cheers कहा जा रहा है
हास्यापद तो ये है footwears शीशो से सजी mall में रखा जा रहा है
और जीवनदात्री सब्जियों को आज भी footpath से ख़रीदा जा रहा है
क्यों नहीं समझते हम की सचाई अपनी सरलता में है
जितना धरा के पास हैं ,उतना अपना विकास है
ये धरा की धुल है जो हमें जीवन देती है
jeene को शुद्ध वायु और खाने को भोजन देती हैं
kyu duje की सभ्यता को हम खुद से ज्यादा तोलते हैं
sabko piche karte हैं जब अपने पर खोलते हैं
ये मैं नहीं कहता हूँ ये हमारे हुनर बोलते हैं
hamare hunar bolte हैं.......
Wednesday, December 23, 2009
लक्ष्य
ऐ जीवन के लक्ष्य मेरे मैं प्यार तुझी से करता हूँ ।
सपनो में तुझसे मिलता हूँ और दिन में सपने बुनता हूँ,
पथ में हैं लाखों भ्रांतियां पर बाधाओं से प्यार हुआ
तुझसे मिलने भर को ऐ जीवन मेरा दुश्वार हुआ।
जीवन मेरा दुश्वार हुआ जीवन को संभाला करता हूँ ।
ऐ जीवन के लक्ष्य मेरे मैं प्यार तुझी से करता हूँ।
लाखों हैं कवी अपनी भी छवि मैं उनके जैसी करता हूँ
जीवन रुपी इस रचना को तन मन से पूरी करता हूँ
छोड़े हैं कई अवसर मैंने क्या गलत किया या सही किया
तुझ को प् लेने भर को खुद को खुद से अलग किया
खुद को खुद से अलग किया अब खुद को ढूँढा करता हूँ।
ऐ जीवन के लक्ष्य मेरे मैं प्यार तुझी से करता हूँ।
तू कितनो को मिला कितने भूले पर तेरी पूजा करता हूँ।
ये मत समझ के तू मिले मैं तुझसे विनती करता हूँ?
शिवम् हूँ मैं ये नाम मेरा साकार इसे तो करना है ।
तुझको पाकर ही जीना है बिन पाए भी नहीं मरना है।
बिन पाए भी नहीं मरना है मैं तुझको छीना करता हूँ।
ऐ जीवन के लक्ष्य मेरे मैं प्यार तुझी से करता हूँ ।
मैं प्यार तुझी से करता हूँ...
मैं प्यार तुझी से करता हूँ....
Friday, December 18, 2009
ARE WE INDEPENDENT
THIS WAS A COMPOSITION COMPOSED BY ME ON INDEPENDENCE DAY.....
APUN KI KHOPDI SATAKRELI HAI,MIND KI CIRCUIT KHATAKRELI HAI
AKHKHA COUNTRY TENSION LERELA H,FOKAT ME KHALI PILI FREEDOM MANA RELA HAI
KAUN SALA FREE HAI AAJ KE TIME ME
HAR KOI LAGA H,BANKBALANCE KI LINE ME
HAR SIDE MARKAT,CHORI,OR TERRORISM HAI
OR AMITABH BHAI BOLA YAHA TO JURM KAM HAI
KIS SALE KO DES KI PADELI HAI,SABKI BUDHDHI HATELI HAI
SAB IS DIN CHUTTI LENE KA,FLAG HOST KRNEKA
LADDU KHANE KA,BHAGAT SINGH DEKHNE KA OR SONE KA
KOI MARTA H TO MARNE DENA BAP,APUN KA KYA JATA HAI
APUN TO MEHNAT KRTA H OR KHUD KAMA K KHATA HAI
APUN KYA MILITARY KA MAJOR H,JO KHALI PILI LIFE DENE KA
BETTER YE H K KHUB PAISA KAMANEKA OR BTIFUL WIFE LANE KA
KAB TK AISA SOCHNEKA,OR KUTTE KI MAFIK JEENE KA
KAB TK GHUSKHOR NETAON KE HATH ME TIRANGA DENE KA
JO KHUD NAHI CHAL PATA HAI,VO DESH KO KYA CHALAYENGE
SLUMDOG CROREPATI DEKHENGE,KB TK HM TALI BAJAYENGE
UN BEHANCHOD ANGREJO NE APNE DESH KI JO UCHALI HAI
OSCAR KI AAD LEKE SAALON NE JUTON KI MALA DALI HAI
OR KB TK DOSTI K NAM PE,PADOSIYON K ATANK JHELNE HAI
APUN KI MOTHER INDIA PE ANKH UTHANE VALE KI MA BHN EK KR DENI HAI
APUN KA TO REQUEST HAI BIDU APNI AANKHEIN KHOLNE KA
YA TO KUCH KR JANE KA,NHI SEEDHA MARKET JANE KA
GANDHI ROAD KE CHOPLE PE,WINGS VALE KI SHOP MIL JANI HAI
VAHAN SE KUCH CHUDIYAN KHARIDKE GIRLFRND KE HATO SE PEHNVANI HAI
YE SB KRKE O CHURAN,TU KHUD TO TOP CLASS ASHIQUE DEEWANA HAI
PR YE SUNLE MAMU,AKKHA LYF ME TUJHE KHUD KO INDIAN NAHI KEH PANA HAI
OR INDEPENDENCE DAY KABHI BHI NAHI MANANA HAI.....................
Thursday, December 17, 2009
LAKSHAYA eng version
I LOVE U AND ONLY YOU
DISCLOSURE OF MY FIRST LOVE
{my own composition}
o my life’s goal i love u n only u
u r always in my dreams,i try to get these dreams through
way is ful of darkness,but i love it m giving the clue
my life will be incomplete,without meeting n achieving u
just holding the life,to find the beautiful hope’s dew
o my life’s goal i love u n only u
millions of poets r found,putting d thoughts 4 u
wanna sculpture the same image,but thoughts are only few
writing my life as a poem,will carve it into u
will design it really in a way,nothing can destiny do
trying to recollect my self and will prove m really true
o my life’s goal i love u n only u
some have got u and some have forgot u
i m ur fast follower and always worship n pray of u
it doesnt mean i beg u,such filde things i never grew
m named as shivam and will prove the mighty name true
cant live without u and will not die without getting u
so my silly future be ready! m gonna snatch u from u
o my life’s goal i love u and only u
i love u and only u i love u and only u
shivam bhardwaj
DISCLOSURE OF MY FIRST LOVE
{my own composition}
o my life’s goal i love u n only u
u r always in my dreams,i try to get these dreams through
way is ful of darkness,but i love it m giving the clue
my life will be incomplete,without meeting n achieving u
just holding the life,to find the beautiful hope’s dew
o my life’s goal i love u n only u
millions of poets r found,putting d thoughts 4 u
wanna sculpture the same image,but thoughts are only few
writing my life as a poem,will carve it into u
will design it really in a way,nothing can destiny do
trying to recollect my self and will prove m really true
o my life’s goal i love u n only u
some have got u and some have forgot u
i m ur fast follower and always worship n pray of u
it doesnt mean i beg u,such filde things i never grew
m named as shivam and will prove the mighty name true
cant live without u and will not die without getting u
so my silly future be ready! m gonna snatch u from u
o my life’s goal i love u and only u
i love u and only u i love u and only u
shivam bhardwaj
THAZ WHO I AM....
I'd rather be hated for who I am,
than be loved for who I am not"
i am worst at what i do my best..and for this gift i feel blessed..!!
i have never failed to fail..
i think i am dumb or may be just happy...
i am my own parasite...
i must have died a long long time ago..
"I miss the comfort in being sad"..
i don't care that you love me or hate me..as..tryin to b someone else
is a waste of the person u are............
but if I love u…………
I'd sail a thousand ships to finally kiss ur lips……….
i find it hard as it's hard to find...whatever u never mind.....!!
People laugh at me coz i m different n i laugh at them coz they all r the same.
I Realise I am not a failure if I don't achieve every goal I set
myself.Because I have a Failure, I m not a Failure.
I choose. I choose what path to follow. I choose which way to go. I
may not consciously choose to fail, but I can choose to go in another
direction when the failure comes to light. This is what I have been
learning.
I am not what I do. If I make a mistake, I am not a mistake. If I do
bad things, I am not a bad person. Bad behavior does not make a bad
person.
I am inherently good. Whether or not I do anything with my life, my
life has meaning.
If I slip it doesn't mean I am lost.
If I put my negative thoughts into action, I have chosen to do so.
My reason for existence is to do what I can to make a difference. I
keep picking myself up and moving on
Yes,I am proud of who I am.
Yes,I love the person I've become.
And Yes, I m The Best....
And i promise....
I would never bother you
I would never promise to
I would never follow you
I would never bother you
Never speak a word again
I will crawl away for good
I will move away from here
You won't be afraid of fear
well, I advise everybody:-
never be afraid of anything
just take everything in fun like I do
so one shud have no fear
coz ………...fear is fun...
No thought was put into this
Always knew it would come to this
Things have never been so swell
I have never felt this well...because..
I have never felt so frail
I have never failed to feel
I have never felt to feel
I have never failed to fail
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